आइये जानते हैं हार्ट अटैक और सडन (Sudden) कार्डिएक अरेस्ट के बीच में क्या अंतर है और दोनों में हम पीड़ित व्यक्ति की जान कैसे बचा सकते हैं |

लोग अक्सर दिल का दौरा और सडन (Sudden) कार्डिएक अरेस्ट को एक ही बीमारी मानते हैं, लेकिन यह ध्यान रखें कि वे पर्यायवाची नहीं हैं। जब हृदय में रक्त का प्रवाह रुक जाता है तब व्यक्ति को दिल का दौरा आता है, वही दूसरी और जब व्यक्ति के दिल के कार्य करने में ख़राबी आ जाती है और दिल बहुत तेज धड़कता है या पूरी तरह से धड़कना बंद कर देता है तब सडन कार्डियक अरेस्ट आता है। दूसरे शब्दों में दिल का दौरा एक दिल में सर्कुलेशन समस्या है और सडन (Sudden) कार्डियक अरेस्ट एक इलेक्ट्रिकल समस्या है।
दिल का दौरा (heart attack) क्या है?
दिल का दौरा को मायोकार्डियल इंफ़्राक्शन (MI) भी कहते है, इसमें अपर्याप्त रक्त प्रवाह के कारण हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से को क्षति होती है। ज्यादातर यह दिल की किसी एक या एक से ज्यादा धमनी में ब्लॉकेज की वजह से होता है। जब यह अवरुद्ध धमनी ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय के एक हिस्से तक पहुँचा नहीं पाती तब व्यक्ति में दिल का दौरा आता है।
आमतौर पर, दिल के दौरे में व्यक्ति छाती, बांह, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में असुविधाजनक दबाव या दर्द, सांस की तकलीफ, अचानक मतली या उल्टी, हल्कापन या चक्कर आना और असामान्य थकान महसूस कर सकता है। ये लक्षण अचानक और तीव्र हो सकते हैं।
अधिकतर ये लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं और वास्तविक दिल का दौरा पड़ने से पहले घंटों, दिनों या हफ्तों तक महसूस होते हैं। अगर ये अवरुद्ध धमनी को तुरंत ठीक नहीं किया जाता तो दिल का उस धमनी से जुड़ा हिस्सा मरने लगता है। व्यक्ति जितना अधिक इलाज में देरी करता है, उतना ही दिल में नुक़सान बढ़ सकता है ।
सडन (Sudden) कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?
व्यक्ति में कार्डियक अरेस्ट अचानक और ज़्यादातर बिना चेतावनी के होता है। यह दिल की विद्युत तरंगों में खराबी से शुरू होता है जो व्यक्ति में अनियमित दिल की धड़कन (arrhythmia) का कारण बनता है। जिसकी वजह से दिल तेज़ और अनियमित धड़कता है और कभी-कभी यह पूरी तरह से धड़कना बंद कर देता है। इस कारण से दिल मस्तिष्क, फेफड़ों, और शरीर के अन्य अंगों में रक्त आपूर्ति नहीं कर पाता जिस वजह से व्यक्ति हांफने लगता है या उसे सांस आना बंद हो सकता है। वह बेहोश भी हो सकता है और कुछ ही सेकंड्स में भावशून्य हो सकता है। अगर तुरंत इलाज न किया जाये तो सडन (Sudden) कार्डिएक अरेस्ट भी जानलेवा हो सकता है।
क्या हार्ट अटैक और सडन (Sudden) कार्डिएक अरेस्ट के बीच में कोई संबंध है?
भले ही हार्ट अटैक भी अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है, लेकिन ज्यादातर दिल के दौरे कार्डियक अरेस्ट होने के कारण नहीं होते हैं। हालांकि, दिल का दौरा पड़ने के बाद, या रिकवरी के समय अचानक कार्डियक अरेस्ट होना संभव है। ह्रदय की कुछ बीमारियाँ जैसे हृदय की मांसपेशीयों में मोटापा (cardiomyopathy), हार्ट फेलियर, आर्रीथमिया (विशेष रूप से वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन), और बड़ा हुआ Q-T सिंड्रोम, कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं।
इन बीमारियों में व्यक्ति दूसरों की जान कैसे बचा सकते हैं ?
जब किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक या सडन (Sudden) कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण दिखें, तो आपातकालीन नंबर पर तुरंत कॉल करें।
आपातकालीन सेवाओं को कॉल करने से रोगी जल्द से जल्द उपचार प्राप्त कर सकता है, जिसमें कार द्वारा रोगी को अस्पताल तक पहुंचने की तुलना में एक घंटे पहले इलाज मिल सकता है। आपातकालीन उपचार देने वाली टीम और पैरामीडिक्स को सीपीआर या डीफिब्रिलेटर की मदद से किसी ऐसे व्यक्ति को पुनर्जीवित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है जिसका दिल रुक गया हो। चूंकि सडन (Sudden) कार्डियक अरेस्ट को मिनटों में सही किया जा सकता है, इसलिए शुरू के कुछ मिनटों में उचित कदम उठाना महत्वपूर्ण है।